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गुरुवार, 4 जून 2015

खेजङी

दशहरे के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करने की परंपरा भी है सन १८९९ में दुर्भिक्ष अकाल पड़ा था जिसको छपनिया अकाल कहते हैं, उस समय रेगिस्तान के लोग इस पेड़ के तनों के छिलके खाकर जिन्दा रहे थे। http://rsdiwraya.blogspot.com/2014/06/rajasthan-board-of-secondary-education.html